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    Rang Panchami 2025: चैत्र माह कब मनाई जाएगी रंग पंचमी, पढ़िए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

    Updated: Sat, 08 Mar 2025 10:57 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर होली के पर्व मनाया जाता है। इसके पांचवें दिन रंग पंचमी (Rang Panchami 2025) के त्योहार को मनाया जाता है। रंग पंचमी की शुभ तिथि पर देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही उन्हें गुलाल लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इससे साधक पर देवी-देवता की कृपा बनी रहती है।

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    Rang Panchami 2025 : रंग पंचमी का धार्मिक महत्व (Pic Credit-AI)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में इस पर्व का बेहद खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी (Rang Panchami 2025) के दिन भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी ने होली खेली थी। इसी तिथि पर होली खेलने के लिए पृथ्वी लोक पर देवी-देवता आए थे। इसी वजह इस पर्व को हर साल मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि रंग पंचमी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।  

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    रंग पंचमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त ( Rang Panchami 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 18 मार्च को रात 10 बजकर 09 मिनट से हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 20 मार्च को रात को 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार 19 मार्च को मनाया जाएगा।

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    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 26 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 32 मिनट पर

    चन्द्रोदय - रात 10 बजकर 11 मिनट पर

    चन्द्रास्त - सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर

    (Pic Credit-AI)

    शुभ मुहूर्त

    ब्रह्म मुहूर्त - दोपहर 04 बजकर 51 मिनट से 05 बजकर 38 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 54 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 29 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक।

    रंग पंचमी का महत्व (Rang Panchami Significance)

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी के शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और एक दूसरे को गुलाल लगाया था। साथ ही इसी दिन देवतागण का धरती पर आगमन हुआ था और उन्होंने भी इस पर्व को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं को गुलाल और अबीर चढ़ाने से व्यक्ति की कुंडली में दोष दूर होता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।